जुबां से दिल और दिमाग की दूरी तो ,
होती है बराबर ,
लेकिन जुबां पर क्यूँ दिमाग ही सवार होता है ?
अगर होता जुबां में दिल ,
या होती दिल में जुबां ,
सच कहता हूँ ,
हम भूल जाते , कि ,
ग़लतफ़हमी का मतलब क्या होता है !
जीना तो किसी की आँखों में जीना ,
पीना तो किसी की आँखों से पीना ,
अंधकार तो सब निगल जाता है ,
क्या सूरज ने कभी कुछ छीना ?
सूरज तो सबको बराबर धूप बाँटता है ,
मिलेगी तुझे भी तेरे हिस्से की धूप ,
पगले तू क्यों रोता है ??
जिन - जिन को चाहिये प्यार के बदले प्यार
सब वो पश्चिम जायें,
जिन्हें बदले प्यार के कुछ ना चाहिये ,
मेरे पीछे पूरब आयें !
रास्ता दूर है मगर मंजिल मिलेगी ,
आशा की इक किरण भी इधर से ही खिलेगी ,
क्यों कि ये निश्चित है कि ,
सूरज का उदय पूरब से ही हर बार होता है !
अगर हम जुबां पे राज करें ,
तो हम जुबां से राज करेंगे !
अगर हाथ ना मिलायें ,
हम केवल दिल मिलायें ,
तो शातिर दुखों का पर्दाफ़ाश करेंगे !
अपनी गर्दन पे केवल अपना सिर रखो ना ,
क्यूँ दूसरों के सिर को बेकार ढ़ोता है ??
प्रेम को परिभाषित करने में ,
केवल उम्र की लकड़ियाँ न तोड़ो ,
केवल और केवल प्रेम करो ,
मगर अपनी भावुकता तो छोड़ो !
प्रेम में रखो केवल भावना ,
भावुकता में तो केवल शब्दों का खिलवाड़ होता है !!
होती है बराबर ,
लेकिन जुबां पर क्यूँ दिमाग ही सवार होता है ?
अगर होता जुबां में दिल ,
या होती दिल में जुबां ,
सच कहता हूँ ,
हम भूल जाते , कि ,
ग़लतफ़हमी का मतलब क्या होता है !
जीना तो किसी की आँखों में जीना ,
पीना तो किसी की आँखों से पीना ,
अंधकार तो सब निगल जाता है ,
क्या सूरज ने कभी कुछ छीना ?
सूरज तो सबको बराबर धूप बाँटता है ,
मिलेगी तुझे भी तेरे हिस्से की धूप ,
पगले तू क्यों रोता है ??
जिन - जिन को चाहिये प्यार के बदले प्यार
सब वो पश्चिम जायें,
जिन्हें बदले प्यार के कुछ ना चाहिये ,
मेरे पीछे पूरब आयें !
रास्ता दूर है मगर मंजिल मिलेगी ,
आशा की इक किरण भी इधर से ही खिलेगी ,
क्यों कि ये निश्चित है कि ,
सूरज का उदय पूरब से ही हर बार होता है !
अगर हम जुबां पे राज करें ,
तो हम जुबां से राज करेंगे !
अगर हाथ ना मिलायें ,
हम केवल दिल मिलायें ,
तो शातिर दुखों का पर्दाफ़ाश करेंगे !
अपनी गर्दन पे केवल अपना सिर रखो ना ,
क्यूँ दूसरों के सिर को बेकार ढ़ोता है ??
प्रेम को परिभाषित करने में ,
केवल उम्र की लकड़ियाँ न तोड़ो ,
केवल और केवल प्रेम करो ,
मगर अपनी भावुकता तो छोड़ो !
प्रेम में रखो केवल भावना ,
भावुकता में तो केवल शब्दों का खिलवाड़ होता है !!
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