Tuesday, March 21, 2017

ऐ कविता तनु थदानी tanu thadani

ऐ कविता ,
जिस दिन मैं रोया था पहली बार ,
बस तू ही थी जो रोयी थी मेरे साथ !
कहाँ से थी आयी ,नहीं मालूम ,
तू मिली तो मैं व्यक्त हुआ
तू मिली तो गौरेया के मायने समझ मेंं आये ,
मैं  सूख गया था आँसुओं में डूब कर ,
तू मिली तो तुकबंदियों ने अपने फटे पुराने कपड़े भी दिये,
ढ़क दिया नंगापन मेरा ,
तू मिली तो मैं खुद की घड़ी का वक्त हुआ !
आज मैं कविता दिवस पर  तुम्हें देता हूँ बधाई ,
मैं किस्मत वाला हूँ  जो तू मेरे हिस्से में आयी !
---------------------  तनु थदानी