Sunday, June 12, 2016

तनु थदानी tanu thadani ऐ पानी tanu thadani Ki kavitayen

ऐ पानी !
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ऐ पानी !
तू मेरी आँखों में आता ;
मेरे खेतों में क्यूं नहीं आता ??
मेरे खेत गिरवी हैं रे !
मेरे कर्जों पे बरस जा ;
बहा दे मेरे कर्जों को
या डुबा दे उन खुदगर्जों को ;
जो मेरी भूख से आत्महत्या तक के सफर पर
चमकाते हैं राजनीति अपनी !


बेटे ने पढ़ाई छोड़ दी ,
पैसे नहीं भेज पाया ना !
मैं उसे समझाता हूँ ,
वो मुझे समझाता है !
मेरे दुखों को यूं सहलाता है ,
बताता है पढ़ाई ही गलत है शहरों में बाबा !
सिखाते हैं कि एक आक्सीजन होता है ,
जिसके साथ हाईड्रोजन मिलाने से
पानी का निर्माण है होता ,
ये तो गलत है ना बाबा !
मरे बैलों की पथराई आँखों ने
शहर में ढूंढ कर मुझसे पूछा ,
गंर पानी ऐसे बनता है तो
सूखा कैसे है होता ??


ऐ पानी !
मेरे खेतों की फटी बिवाईयों से दोस्ती कर ना !
मेरे जवान बेटे की झुर्रियों पे
बस एक बूंद बरस जा !


बेटा बताता है
तू आजकल बोतलों में बंद है !
तू तो बिक गया रे !
क्यूं अब भी तू जीवन है कहलाता ?
अगर जल ही जीवन है तो
तू मेरे खेतों में क्यूं नहीं आता ??
------------------- तनु थदानी