Tuesday, April 23, 2013

तनु थदानी की कवितायें जहरखुरानो से सावधान tanu thadani ki kavitaayen zaharkhuraano se saavdhaan

आत्मीयता  होती  है  जहर ,
जीवन   के सफ़र  के  दौरान ,
जहरखुरानो  से  सावधान !

बहुत  सारे  शब्दों  से  बनती  हैं  कहानियां ,
बहुत  सारी  कहानियां  निःशब्द  रह  जाती हैं ,
जिनकी  निःशब्दता  में   होता  है  ऐसा  समर्पण   ,
जो  पूरी  की  पूरी  कहानी  बयां  कर  जाती  है !

जीवन  के  सफ़र  में  नहीं   होनी चाहिये  आत्मीयता ,
होना  चाहिये  मात्र  समर्पण !

वैसे  भी आत्मीयता  दिखाने  की  चीज  होती  है ,
मगर  समर्पण  तो  करना  पड़ता  है !
समर्पण  सदैव  लबालब  है  रहता ,
आत्मीयता  में  बहुत  कुछ  भरना  पड़ता   है !

जहां  सब  हैं  खरीददार ,
सब  ही  हैं  दूकानदार ,
मानो  या  ना  मानो  आत्मीयता की  है  दूकान !
आना - जाना -देखना - छूना ,
मगर  जहरखुरानो  से  सावधान !!