मेरी हँसी में
ढ़ेर सारी हँसी है ,
फिर भी खुशी की एक घड़ी बाकी है !
मेरी खुशियों में
मैं हूँ , तुम हो , परिवार है पूरा ,
मगर हम में एक कड़ी बाकी है !
मैं हूँ पुरुष,
बेटा हूँ , पति हूँ , बहुत कुछ हूँ ,
मगर पूरा नहीं मैं पुरुष ,
मेरे ख्वाबों में नन्ही एक परी बाकी है !
एक स्वेटर सा बुना जाना तो जीवन नहीं ,
महज सांसो का आना जाना भी जीवन नहीं !
मेरे ख्वाबों से रिसता है एक जंगल,
जहाँ मचान हैं , झाड़ हैं , पूरी नोक वाले तिनके हैं ,
चुभते हैं ,
मगर अम्मा ने बताया था - घबराना भी जीवन नहीं !
मिला है जंगल तो घोंसला बनाऊंगा ,
चहकेंगी मेरे घोंसले में भी चिड़िया ,
अभी मेरे ख्वाबों की एक लड़ी बाकी है !!
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