मेरी मुस्कान की सरहदें
खुली हैं चारों दिशाओं से ;
मैं जब हँसु ; आ के घुल जाना मेरी हँसी में !
मैं दरवाजा खटखटाऊंगा ,
तुम दौड़ कर आओगी ,
खोलोगी दरवाजा ; मुझसे लिपट जाओगी ,
बिना ये देखे
बिना ये परवाह किये
कि कोई साथ भी है मेरे !
मैं बंध जाऊंगा तेरी बांहों से ,
पुरानी यादों में जा के ,मुस्कुराना मेरी हँसी में !
दिल में दिमाग की घुसपैठ ,
मार डालती है प्यार के ख्वाबों को !
देर तलक छानना अपने ख्वाब,
हकीकत के टुकड़े छनेंगे जरूर ,
जिन्दा ख्वाबों का अंतिम पड़ाव ,
मिलता है प्यार की राहों से,
आना खुद को भी भूल जाना मेरी हँसी में !
सपाट सी जिंदगी को खोदना ,
होठों पे मुस्कान गोदना ;
तब नहीं बोलते हम
जब बातें करती हमारी सांस है,
ये ही हमारे तुम्हारे होने का सारांश है ;
जो जाहिर हो जाते हैं निगाहों से ;
बेशक रूठना,बेशक छिपना ,मगर लौट आना मेरी हँसी में !
मैं जब जब हँसु ;आ के घुल जाना मेरी हँसी में !!
खुली हैं चारों दिशाओं से ;
मैं जब हँसु ; आ के घुल जाना मेरी हँसी में !
मैं दरवाजा खटखटाऊंगा ,
तुम दौड़ कर आओगी ,
खोलोगी दरवाजा ; मुझसे लिपट जाओगी ,
बिना ये देखे
बिना ये परवाह किये
कि कोई साथ भी है मेरे !
मैं बंध जाऊंगा तेरी बांहों से ,
पुरानी यादों में जा के ,मुस्कुराना मेरी हँसी में !
दिल में दिमाग की घुसपैठ ,
मार डालती है प्यार के ख्वाबों को !
देर तलक छानना अपने ख्वाब,
हकीकत के टुकड़े छनेंगे जरूर ,
जिन्दा ख्वाबों का अंतिम पड़ाव ,
मिलता है प्यार की राहों से,
आना खुद को भी भूल जाना मेरी हँसी में !
सपाट सी जिंदगी को खोदना ,
होठों पे मुस्कान गोदना ;
तब नहीं बोलते हम
जब बातें करती हमारी सांस है,
ये ही हमारे तुम्हारे होने का सारांश है ;
जो जाहिर हो जाते हैं निगाहों से ;
बेशक रूठना,बेशक छिपना ,मगर लौट आना मेरी हँसी में !
मैं जब जब हँसु ;आ के घुल जाना मेरी हँसी में !!
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