आत्मीयता होती है जहर ,
जीवन के सफ़र के दौरान ,
जहरखुरानो से सावधान !
बहुत सारे शब्दों से बनती हैं कहानियां ,
बहुत सारी कहानियां निःशब्द रह जाती हैं ,
जिनकी निःशब्दता में होता है ऐसा समर्पण ,
जो पूरी की पूरी कहानी बयां कर जाती है !
जीवन के सफ़र में नहीं होनी चाहिये आत्मीयता ,
होना चाहिये मात्र समर्पण !
वैसे भी आत्मीयता दिखाने की चीज होती है ,
मगर समर्पण तो करना पड़ता है !
समर्पण सदैव लबालब है रहता ,
आत्मीयता में बहुत कुछ भरना पड़ता है !
जहां सब हैं खरीददार ,
सब ही हैं दूकानदार ,
मानो या ना मानो आत्मीयता की है दूकान !
आना - जाना -देखना - छूना ,
मगर जहरखुरानो से सावधान !!
जीवन के सफ़र के दौरान ,
जहरखुरानो से सावधान !
बहुत सारे शब्दों से बनती हैं कहानियां ,
बहुत सारी कहानियां निःशब्द रह जाती हैं ,
जिनकी निःशब्दता में होता है ऐसा समर्पण ,
जो पूरी की पूरी कहानी बयां कर जाती है !
जीवन के सफ़र में नहीं होनी चाहिये आत्मीयता ,
होना चाहिये मात्र समर्पण !
वैसे भी आत्मीयता दिखाने की चीज होती है ,
मगर समर्पण तो करना पड़ता है !
समर्पण सदैव लबालब है रहता ,
आत्मीयता में बहुत कुछ भरना पड़ता है !
जहां सब हैं खरीददार ,
सब ही हैं दूकानदार ,
मानो या ना मानो आत्मीयता की है दूकान !
आना - जाना -देखना - छूना ,
मगर जहरखुरानो से सावधान !!